माया क्या है? माया की परिभाषा और उसके प्रकार? देवि प्रपन्नार्तिहरे प्रसीद का अर्थ है, सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके मंत्र अर्थ सहित श्री दुर्गा चालीसा गुप्त सप्तशती