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84 लाख योनि (चरण)  के रहस्य

84 लाख योनि (चरण)  के रहस्य 0 क्या आप जानते हैं कि….. हमारे हिन्दू सनातन धर्मग्रंथों में उल्लेखित 84 लाख योनि … का रहस्य क्या है … क्योंकि…. इस उल्लेखित 84 योनि को लेकर हम हिन्दुओं में ही काफी भ्रम की स्थिति बनी रहती है और हर लोग सुनी-सुनाई ढंग से इसकी व्याख्या करने की […]

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सकारात्मक सोच

सकारात्मक सोच….. दुख में भी सुख लक्षण  महाराज दशरथ को जब संतान प्राप्ति नहीं हो रही थी तब वो बड़े दुःखी रहते थे…पर ऐसे समय में उनको एक ही बात से हौंसला मिलता था जो कभी उन्हें आशाहीन नहीं होने देता था… और वह था श्रवण के पिता का श्राप…. दशरथ जब-जब दुःखी होते थे

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चतु:श्लोकी भागवत

सृष्टि के आदी में ब्रह्माजी द्वारा भगवान नारायण की स्तुति किए जाने पर प्रभु ने उन्हें सम्पूर्ण भागवत-तत्त्व का उपदेश केवल चार श्लोकों में दिया था। अगर आपके पास इतना समय नहीं है कि आप पूरी भागवत का पाठ कर सकें, मगर आप करना चाहते हैं। परेशान मत होइये ये चार ऐसे श्लोक हैं जिनमें

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आध्यात्मिक गुरु एकआध्यात्मिक मार्ग दर्शक

   आध्यात्मिक गुरु वे लोग होते हैं जो हमारे आध्यात्मिक स्वास्थ्य , व्यक्तिगत विकास को उपर उठाने में हमारी मदद करते हैं। वे हमें नए कौशल या ज्ञान सीखने में मदद करते हैं , निर्णय लेने के लिए मार्गदर्शन और ज्ञान प्रदान कर सकते हैं या हमें अपने और अपने आसपास की दुनिया के साथ

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देवि प्रपन्नार्तिहरे प्रसीद का अर्थ है,

    देवि प्रपन्नार्तिहरे प्रसीद प्रसीद मातर्जगतोऽखिलस्य । प्रसीद विश्वेश्वरि पाहि विश्वं त्वमीश्वरी देवि चराचरस्य ॥१॥   देवी प्रपन्नर्ति मंत्र चंडी पाठः के अध्याय 11 से श्लोक 3 है। माँ अक्सर हमें शांति की प्रार्थना के रूप में इस मंत्र का प्रतिदिन जाप करने के लिए कहती हैं। “देवी प्रपन्नर्ति हरे” का अर्थ है, “हे देवी, आप अपनी शरण में आने वाले सभी लोगों के

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सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके मंत्र अर्थ सहित

ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके । शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते || ॐ सर्व मंगल मांगल्ये = सभी मंगलों में मंगलमयी शिवे = कल्याणकारी सर्व अर्थ साधिके = सभी मनोरथों को सिद्ध करने वाली शरण्ये = शरणागत वत्सला, शरण ग्रहण करने योग्य त्रयम्बके = तीन नेत्रों वाली गौरी = शिव पत्नी नारायणी = विष्णु की

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सोलह कलाओं से संपन्न अवतार हैं श्रीकृष्ण

अवतारी शक्तियों की सामर्थ्य को समझने के लिए कलाओं को आधार मानते हैं। कला को अवतारी शक्ति की एक इकाई मानें तो श्रीकृष्ण सोलह कला के अवतार माने गए हैं। भागवत पुराण के अनुसार सोलह कलाओं में अवतार की पूरी सामर्थ्य खिल उठती है। अवतारों में श्रीकृष्ण में ही यह सभी कलाएं प्रकट हुई थी।

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श्री दुर्गा चालीसा

श्री  दुर्गा चालीसा की महत्वपूर्ण जानकारी और  माँ दुर्गा चालीसा माँ दुर्गा चालीसा एक हिंदू धार्मिक प्रार्थना समान है, जो माँ दुर्गा को समर्पित है और यह प्राचीन है। हिंदू समुदाय में यह चालीसा पुरानी है और माँ दुर्गा के साहस-शक्ति को दर्शाती है। इस चालीसा की प्रत्येक चौपाई अलग-अलग अर्थ और महत्व रखती है।

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राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र —– हिंदी अर्थ सहित

राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र —– हिंदी अर्थ सहित    राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र  भगवान शिव द्वारा रचित और देवी पार्वती से बोली जाने वाली राधा कृपा कथा श्रीमती राधा रानी की एक बहुत शक्तिशाली प्रार्थना है। राधा चालीसा में कहा गया है कि जब तक राधा का नाम न लिया जाए, तब तक श्रीकृष्ण का प्रेम नहीं मिलता। राधा कृपा कटाक्ष  राधा रानी की दयालु पार्श्व दृष्टि

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क्या “राधे राधे” बोलना गलत है,

क्या- “राधे राधे” बोलना गलत है  राधे राधे बोलने के तो इतने फायदे है की आप पढ़ कर आज से ही राधे राधे जपने लग जाएंगे… १. राधे राधे बोलने से व्यक्ति की नेगेटिव सोच दूर हो जाती है २. राधे राधे बोलने से व्यक्ति प्रसन्नता का अनुभव करता है ३. राधे राधे बोलने से

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