Spiritual Mentor

आध्यात्मिकता

आध्यात्मिकता में एक भावना या विश्वास की मान्यता शामिल है कि मेरे से कुछ बड़ा है, संवेदी अनुभव से मानव होने के लिए कुछ और है, और यह कि हम जिस बड़े हिस्से का हिस्सा हैं वह प्रकृति में ब्रह्मांडीय या दिव्य है। … हृदय का खुलना सच्ची आध्यात्मिकता का एक अनिवार्य पहलू है।

एक श्लोकी भागवत –सभी प्रकार के पापों से मुक्ति दिलाता है श्रीमद्भागवत गीता का यह एक मंत्र

हिन्दू धर्म ग्रंथों का एक विशाल समुद्र है। जो जातक इस को जितना खोजता है उसे उतना ही ज़्यादा इन ग्रंथों के बारे में पता चलता है। शास्त्रों और बुधिजीवो के अनुसार भागवत में अपार ज्ञान भरा हुआ है। भागवत को धर्म-अध्यात्म से परिपूर्ण अनमोल ग्रंथ कहा जाता है। भागवत में सभी शास्त्रों का सार […]

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14 भुवनों या लोकों का वर्णन :-

त्रिलोक या तीन लोक और 14 भवन कौन-कौन सें है….. 1.पाताल लोक  2.भूलोक लोक  3.स्वर्ग लोक इन लोको को भी 14 में बांटा गया है। इन 14 लोकों को भवन भी पुकारा जाता है-1. सत्लोक2. तपोलोक3. जनलोक4. महलोक5. ध्रुवलोक6. सिद्धलोक7. पृथ्वीलोक8. अतललोक9. वितललोक10. सुतललोक11. तलातललोक12. महातललोक13. रसातललोक14. पाताललोक श्रीमद् भागवतम के द्वतीय स्कन्ध के पाँचवे

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84 लाख योनि (चरण)  के रहस्य

84 लाख योनि (चरण)  के रहस्य 0 क्या आप जानते हैं कि….. हमारे हिन्दू सनातन धर्मग्रंथों में उल्लेखित 84 लाख योनि … का रहस्य क्या है … क्योंकि…. इस उल्लेखित 84 योनि को लेकर हम हिन्दुओं में ही काफी भ्रम की स्थिति बनी रहती है और हर लोग सुनी-सुनाई ढंग से इसकी व्याख्या करने की

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सकारात्मक सोच

सकारात्मक सोच….. दुख में भी सुख लक्षण  महाराज दशरथ को जब संतान प्राप्ति नहीं हो रही थी तब वो बड़े दुःखी रहते थे…पर ऐसे समय में उनको एक ही बात से हौंसला मिलता था जो कभी उन्हें आशाहीन नहीं होने देता था… और वह था श्रवण के पिता का श्राप…. दशरथ जब-जब दुःखी होते थे

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आध्यात्मिक गुरु एकआध्यात्मिक मार्ग दर्शक

   आध्यात्मिक गुरु वे लोग होते हैं जो हमारे आध्यात्मिक स्वास्थ्य , व्यक्तिगत विकास को उपर उठाने में हमारी मदद करते हैं। वे हमें नए कौशल या ज्ञान सीखने में मदद करते हैं , निर्णय लेने के लिए मार्गदर्शन और ज्ञान प्रदान कर सकते हैं या हमें अपने और अपने आसपास की दुनिया के साथ

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 निर्वाण षटकम्: निर्वाण यात्रा का मतलब निराकार की  और जाना |

निर्वाण का अर्थ है “निराकार”। निर्वाण यात्रा का मतलब निराकार की  और जाना | निराकार तो केवल ब्रह्म है ,वो ईश्वर है ,परमात्मा है,———- निर्वाण षट्कम (6, क्रम से समझाया गया है ) हमारे शरीर में मन स्थिर नहीं रहता ,ये हमेशा कुछ न कुछ करता रहता है |खाली नहीं बेठता , यानि कुछ न कुछ

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चौरासी लाख योनियाँ

चौरासी लाख योनियाँ सनातन धर्म में कुल चौरासी लाख योनियाँ बताई गई हैं । उदाहरण के लिए मनुष्य योनि, कुत्ते की योनि, बिल्ली की योनि आदि । इस प्रकार कुल चौरासी लाख योनियाँ हैं । जिसमें जीव को जन्म लेना पड़ता है ।जल, थल और नभ में कुल मिलाकर चार तरह के जीव होते हैं।इन्हें

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हनुमान चालीसा की महिमा

हनुमान जी और हनुमान चालीसा दोनो की भारतीय संस्कृति में अवर्णीय आस्था है। हनुमान जी का नाम आते ही हमारे अंदर एक अद्भुत शक्ति का संचार होने लगता है। हनुमान चालीसा का पूरा पाठ करने में लगभग 10 मिनट लगते हैं |  हनुमान चालीसा पड़ने से लाभ , 1. बुरी आत्‍माओं को भगाए: हनुमान जी

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अध्यात्म क्या है?

संस्कृत में SPIRITUAL को अध्यात्म कहा जाता है। यह दो शब्दों आदि (प्रारंभ) और आत्मान से बना है। आधि का अर्थ है–अनंत और आत्मा का अर्थ है आत्मा है । आत्मा हम में से प्रत्येक के भीतर ईश्वरीय सिद्धांत है और हमारा वास्तविक स्वरूप है । यह सूक्ष्म शरीर का मुख्य घटक है, जो कि


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मैं कौन हूं

“मैं कौन हूं” तभी उठता है जब कोई व्यक्ति – चाहे वह पुरुष हो या महिला या ट्रांसजेंडर – यह प्रश्न आंतरिक विवेक या स्वयं से रखता है। वास्तव में, इस अवधारणा को समझना प्रकृति में थोड़ा जटिल है। जैसा कि हम आम तौर पर समझते हैं, हम अपनी पहचान शरीर के साथ करते हैं


मैं कौन हूं
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