Spiritual Mentor

कृष्णा

कृष्ण, संस्कृत कृष्ण, सभी भारतीय देवताओं में सबसे व्यापक रूप से सम्मानित और सबसे लोकप्रिय, हिंदू भगवान विष्णु के आठवें अवतार (अवतार, या अवतार) के रूप में पूजा की जाती है और अपने अधिकार में एक सर्वोच्च देवता के रूप में भी पूजा की जाती है। … अंत में, कृष्ण और उनके भाई बलराम दुष्ट कंस को मारने के लिए मथुरा लौट आए।

गरुड़ पूरण के अनुसार इन्सान की मृत्यु के बाद आत्मा का क्या होता है🌹

सनातन धर्म ज्ञान     🌹 गरुड़ पूरण के अनुसार इन्सान की मृत्यु के बाद आत्मा का क्या होता है🌹   हर इंसान की जिंदगी में कई तरह समय आते हैं.   लेकिन ये अटल सत्य है कि हर किसी का एक दिन मरना तय है. अब सवाल यहां ये है कि आखिर इंसान की […]

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भगवान श्रीकृष्ण के उन भाइयों के नाम जिन्हें जेल में ही कंस ने मार दिया था

भगवान श्रीकृष्ण के उन भाइयों के नाम जिन्हें जेल में ही कंस ने मार दिया था यदुवंश में शूरसेन नाम के एक पराक्रमी क्षत्रिय हुए। उनकी पत्नी का नाम मारिषा था। उनके दस पुत्र हुए। वसुदेवजी उनके सबसे श्रेष्ठ पुत्र थे। इनका विवाह देवक की सात कन्याओं से हुआ। वसुदेवजी की पौरवी, रोहिणी, भद्रा, मदिरा,

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श्रीकृष्ण को श्राप से बचाने के लिए

श्रीकृष्ण को श्राप से बचाने के लिए सुदामा ने स्वीकारी थी उम्रभर की दरिद्रता    एक ब्राह्मणी थी जो बहुत गरीब निर्धन थी. भिक्षा माँग कर जीवन यापन करती थी. एक समय ऐसा आया कि पाँच दिन तक उसे भिक्षा नहीं मिली वह प्रति दिन पानी पीकर भगवान का नाम लेकर सो जाती थी. छठवें

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पिछले जन्म के दुश्मन थे कर्ण और अर्जुन,

पिछले जन्म के दुश्मन थे कर्ण और अर्जुन, 999 बार मार चुके थे पहले   🌼 पूर्वजन्म में श्री कृष्ण के जन्म की बात की जाए तो वह भगवान विष्णु के आठवें अवतार माने जाते हैं। यानी इससे पहले भगवान श्रीकृष्ण का सात बार जन्म हो चुका था लेकिन मूल रूप से यह माना जाता

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एक श्लोकी भागवत –सभी प्रकार के पापों से मुक्ति दिलाता है श्रीमद्भागवत गीता का यह एक मंत्र

हिन्दू धर्म ग्रंथों का एक विशाल समुद्र है। जो जातक इस को जितना खोजता है उसे उतना ही ज़्यादा इन ग्रंथों के बारे में पता चलता है। शास्त्रों और बुधिजीवो के अनुसार भागवत में अपार ज्ञान भरा हुआ है। भागवत को धर्म-अध्यात्म से परिपूर्ण अनमोल ग्रंथ कहा जाता है। भागवत में सभी शास्त्रों का सार

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चतु:श्लोकी भागवत

सृष्टि के आदी में ब्रह्माजी द्वारा भगवान नारायण की स्तुति किए जाने पर प्रभु ने उन्हें सम्पूर्ण भागवत-तत्त्व का उपदेश केवल चार श्लोकों में दिया था। अगर आपके पास इतना समय नहीं है कि आप पूरी भागवत का पाठ कर सकें, मगर आप करना चाहते हैं। परेशान मत होइये ये चार ऐसे श्लोक हैं जिनमें

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सोलह कलाओं से संपन्न अवतार हैं श्रीकृष्ण

अवतारी शक्तियों की सामर्थ्य को समझने के लिए कलाओं को आधार मानते हैं। कला को अवतारी शक्ति की एक इकाई मानें तो श्रीकृष्ण सोलह कला के अवतार माने गए हैं। भागवत पुराण के अनुसार सोलह कलाओं में अवतार की पूरी सामर्थ्य खिल उठती है। अवतारों में श्रीकृष्ण में ही यह सभी कलाएं प्रकट हुई थी।

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