Spiritual Mentor

शिव

क्या शिव केवल एक सांस्कृतिक प्रतीक हैं या इस राख से लथपथ योगी के लिए और भी कुछ है जिसे महादेव कहा जाता है – देवताओं का देवता?

महाकालेश्वर की कथा

महाकालेश्वर की कथा उज्जयिनी में राजा चंद्रसेन का राज था। वह भगवान शिव का परम भक्त था। शिवगणों में मुख्य मणिभद्र नामक गण उसका मित्र था। एक बार मणिभद्र ने राजा चंद्रसेन को एक अत्यंत तेजोमय ‘चिंतामणि’ प्रदान की। चंद्रसेन ने इसे गले में धारण किया तो उसका प्रभामंडल तो जगमगा ही उठा, साथ ही […]

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शिव धनुष (पिनाक) क्यों टूटा

शिव धनुष (पिनाक) क्यों टूटा क्या श्रीराम का पिनाक को भंग करना उचित था? . माता सीता के स्वयंवर के विषय में हम सभी जानते हैं। इसी स्वयंवर में श्रीराम ने उस पिनाक को सहज ही उठा कर तोड़ डाला जिसे वहाँ उपस्थित समस्त योद्धा मिल कर हिला भी ना सके। . हालाँकि कई लोग

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भगवान शिव की अर्ध परिक्रमा क्यों.. 

भगवान शिव की अर्ध परिक्रमा क्यों..  शिवजी की आधी परिक्रमा करने का विधान है। वह इसलिए की शिव के सोमसूत्र को लांघा नहीं जाता है। जब व्यक्ति आधी परिक्रमा करता है तो उसे चंद्राकार परिक्रमा कहते हैं। शिवलिंग को ज्योति माना गया है और उसके आसपास के क्षेत्र को चंद्र। आपने आसमान में अर्ध चंद्र

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भगवान_शिव के “34” रहस्य

भगवान_शिव के “34” रहस्य   भगवान शिव अर्थात पार्वती के पति शंकर जिन्हें महादेव, भोलेनाथ, आदिनाथ आदि कहा जाता है।   *🔱1. आदिनाथ शिव : -* सर्वप्रथम शिव ने ही धरती पर जीवन के प्रचार-प्रसार का प्रयास किया इसलिए उन्हें ‘आदिदेव’ भी कहा जाता है। ‘आदि’ का अर्थ प्रारंभ। आदिनाथ होने के कारण उनका एक

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शिव पुराण या शिव महापुराण क्या है?

शिव पुराण हिंदू धर्म में अठारह पुराण शैली से सबसे अधिक बार पढ़े जाने वाले पुराणों में से एक है। यह हिंदू भगवान शिव और उनकी पत्नी देवी पार्वती के आसपास केंद्रित है। भगवान शिव हिंदू धर्म में सबसे अधिक पूजे जाने वाले भगवान में से एक हैं। शिव महापुराण में 12 (बारह) ‘संहिता’ (छंदों

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शिवलिंग की पूजा शुरू?

शिव पुराण के साक्ष्य निम्नलिखित तथ्यों पर प्रकाश डालेंगे। आज की दुनिया में शिवलिंग इतना पूजनीय क्यों है?शिवलिंग की पूजा एक बेतरतीब अभ्यास है। भाग-1, विद्वेश्वर संहिता, अध्याय 5, पृष्ठ संख्या-11 (प्रकाशक: खेमराज श्री कृष्णदास प्रकाशन, मुंबई; अनुवादक: पं. ज्वाला प्रसाद जी मिश्र) नंदिकेश्वर कहानी कह रहे हैं। शिव लिंग पूजा की उत्पत्ति क्या है?

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वर्तमान युग में शिवलिंग की पूजा क्यों की जाती है?

उसके बाद से यह बेशर्म पूजा आज तक सभी हिंदुओं के बीच जारी है। यदि आप किसी मंदिर में शिवलिंग देखते हैं, तो लिंग के चारों ओर योनि का आकार होता है, जिसमें ऐसा प्रतीत होता है जैसे योनि में लिंग डाला गया हो। इस विधि को प्रदान करके सदाशिव अर्थात्। ब्रह्म / काल ने

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शिवलिंग पूजा है मनमाना साधना, जानिए क्यों?

शिवलिंग पूजा एक मनमाना अभ्यास है जिसका पवित्र चार वेदों और पवित्र श्रीमद् भगवद गीता में उल्लेख नहीं है, बल्कि ये शास्त्र पूर्ण भगवान, सतपुरुष को छोड़कर किसी भी भगवान की पूजा से इनकार करते हैं। कविर्देव (गीता अध्याय 3 श्लोक 6-9, अध्याय 8 श्लोक 8-10, अध्याय 18 श्लोक 62)। प्रत्येक भक्त जो लाभ प्राप्त करने

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शिव पुराण (महापुराण) में सर्वोच्च मंत्र क्या है?

शिव पुराण के संस्कृत संस्करण में, गीता प्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित,  विद्वेश्वर संहिता, पृष्ठ संख्या 26, ‘OM’ को सदाशिव (काल) के सच्चे मंत्र के रूप में लिखा गया है। -ब्रह्म/शैतान), ब्रह्मा, विष्णु और महेश/रुद्र के पिता। लेकिन अनुवादकों ने गलत तरीके से उस श्लोक का अनुवाद ‘O नमः शिवाय’ या सदाशिव के सच्चे मंत्र के रूप में किया

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निष्कर्ष

शिव पुराण में दिए गए उपरोक्त साक्ष्य से निम्नलिखित निष्कर्ष निकाले जा सकते हैं:- सदाशिव यानी। काल – ब्रह्म श्री ब्रह्मा, श्री विष्णु और श्री महेश के प्रवर्तक (पिता) हैं। प्रकृति यानी। आठ भुजाओं वाली दुर्गा श्री ब्रह्मा, श्री विष्णु और श्री शंकर की जननी (मां) हैं। दुर्गा को ‘प्रधान’, प्रकृति, शिवाय भी कहा जाता


निष्कर्ष
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