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श्रीराधा : उनके मातृकुल और पितृकुल में कौन-कौन ——

श्रीराधा : एक परिचय श्रीराधा के उपासकों के मन में अपने इष्ट के बारे में जानने की जिज्ञासा होना स्वाभाविक है कि उनके मातृकुल और पितृकुल में कौन-कौन थे? वे अपने श्रीअंगों में कौन-कौन-से आभूषण धारण करती थीं, कौन-से स्थान उन्हें अत्यन्त प्रिय थे, उनके प्रिय पशु-पक्षियों के क्या नाम थे, आदि। गौड़ीय सम्प्रदाय के […]

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श्री हनुमान चालीसा हिन्दी अर्थ सहित….

श्री हनुमान चालीसा हिन्दी अर्थ सहित… श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मनु मुकुर सुधारि। बरनऊँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि॥ बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौ पवन कुमार। बल बुधि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेस विकार॥   सद्गुरु के चरण कमलों की धूल से अपने मन रूपी दर्पण को स्वच्छ कर, श्रीराम के दोषरहित

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